कोरोना का आम ज़िन्दगी में असर
दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि हम इंसान क्या है? हमारी औकात क्या है?
मुझे पता है शायद कुछ लोग कहेंगे कि भाई हम आज ज़िन्दगी की ऊंचाइयों पर हैं। हमने जीन्दगी में सब कुछ हासिल कर लिया है और हमारी औकात तो इतनी है कि हम चाहे तो कुछ भी कर सकतें हैं।
पर क्या ये बात सच मे सच है? नही साहब...आपकी हमारी औकात आज एक न दिखने वाले बेजान कीड़े ने जिसको कोरोना वायरस का नाम दिया गया है, उसने समझा दी कि हम कुछ भी नही है जनाब। हमारी औकात कुछ नही है। मानो या न मानो। तभी तो चाहकर भी हम इंसान आज बेबस, लाचार होकर अपने अपने घरों में कैद हैं, फिर चाहे वो मुकेश अम्बानी हो, रतन टाटा हो, लष्मी मित्तल हो, महारानी विक्टोरिया हो या फिर एक आम इंसान। सबकी हालात आज एक जैसी है। हर किसी के मन मे एक ही सवाल है कि आने वाले दिनों में अब क्या होगा। क्या हम ज़िन्दा रहेंगे भी या नही। देेश, दुनिया की जनसंख्या कितनी रह जायेगी। हर किसी को लग रहा है कहीं मेरे अंदर भी कोरोना तो नही है?
दोस्तो ये सब उस न दिखने वाले कीड़े का किया धारा है जिससे आज दुनिया मे हर तरफ दहशत फैली हुई है। उसी ने समझा दी हमे हमारी औकात।